गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

समकालीनता

दुनिया बदल रही है 
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लोग बदल रहे हैं पर आधे तो अंधे सामंती तिकड़मों में लगे हैं, डाकुओं की तरह लूट रहे हैं उन्हें न तो कला के उत्थान की चिंता है और न ही देश के भविष्य की .
-डॉ.लाल रत्नाकर
हमने उनके लिए नहीं आगे बढ़ाते हुए उन लोगों के लिए जो ईमानदार मेहनती और विकास में नेक मार्ग में आस्था रखते हैं के लिए कोशिशें कर रहा हूँ -
आइये इसमें सब मिलकर योगदान करें ;
एक शहर हो सपनों का सीरिज के अन्तरगत गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में "हमलोग" मूर्ति शिल्प की स्थापना जिसके मूर्तिकार -डॉ.लाल रत्नाकर, अभी कई अन्य स्थानों पर अनेक मूर्तियाँ लगनी हैं .

दिसम्बर २०१३ कि सखी में डॉ लाल रत्नाकर के चित्र 

















मेरे गुरु जी प्रोफ.आनंद कृष्ण